"स्वामी विवेकानन्द के प्रति"

1 Part

208 times read

2 Liked

"स्वामी विवेकानन्द के प्रति" ---------------------------------- सुख-दु:ख दोनों लेकर चलते तरुण तपस्वी संन्यासी, पथ परिलक्षित करते जीवन- दीप जलाकर अविनाशी, जड़-चेतन में भेद न करते, स्वागत करते दोनों का ; निर्भय होकर ...

×